केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह को संबोधित किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह को संबोधित किया

Union Home and Cooperation Minister Shri Amit Shah

Union Home and Cooperation Minister Shri Amit Shah

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि बस्तर सहित पूरे भारत से नक्सलवाद का समूल अंत 31 मार्च 2026 तक कर दिया जाएगा। जगदलपुर में आयोजित बस्तर ओलंपिक 2025 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश अब उस निर्णायक मोड़ पर खड़ा है, जहाँ लाल आतंक के साए से निकलकर शांति और विकास की नई यात्रा शुरू हो चुकी है।

प्रधानमंत्री मोदी का विकसित बस्तर का विज़न

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने बस्तर को नक्सलमुक्त ही नहीं बल्कि देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाने का संकल्प लिया है। कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा जैसे सात ज़िलों वाला यह संभाग दिसंबर 2030 तक विकास का मॉडल बनेगा। सरकार का लक्ष्य है कि बस्तर के हर परिवार तक पक्का मकान, बिजली, शौचालय, नल से शुद्ध पेयजल, गैस कनेक्शन, खाद्यान्न और पाँच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज पहुँचे।

आधारभूत ढांचे और आर्थिक विकास पर विशेष फोकस

गृह मंत्री ने बताया कि बस्तर के हर गांव को सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाएगा और बिजली तथा बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का घना नेटवर्क तैयार किया जाएगा। वन उपज के प्रसंस्करण के लिए सहकारी आधार पर इकाइयाँ स्थापित होंगी, वहीं डेयरी विकास के माध्यम से आदिवासी परिवारों की आय बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही नए उद्योग, उच्च शिक्षा संस्थान, आधुनिक अस्पताल और देश का सर्वश्रेष्ठ खेल परिसर विकसित किए जाएंगे।

नक्सलवाद छोड़ने वालों के लिए पुनर्वसन और सम्मान

श्री अमित शाह ने कहा कि जिन्होंने आत्मसमर्पण किया है या नक्सल हिंसा के कारण पीड़ित हुए हैं, उनके लिए एक आकर्षक पुनर्वसन योजना लाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि नक्सलवाद किसी के हित में नहीं है, न आदिवासियों के, न युवाओं के और न ही सुरक्षाबलों के। केवल शांति ही विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

बस्तर ओलंपिक बना बदलाव का प्रतीक

बस्तर ओलंपिक 2025 में कुल 3 लाख 91 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग ढाई गुना वृद्धि है। महिला खिलाड़ियों की भागीदारी में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। सबसे प्रेरणादायक पहलू यह रहा कि 700 से अधिक आत्मसमर्पित नक्सली युवाओं ने खिलाड़ी के रूप में इसमें हिस्सा लिया। यह दर्शाता है कि भय और हिंसा का रास्ता छोड़कर आशा, एकता और विकास का मार्ग चुना जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय खेलों तक बस्तर के खिलाड़ियों की तैयारी

गृह मंत्री ने बताया कि बस्तर ओलंपिक में उभरती प्रतिभाओं को पहचानने के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम सक्रिय है। इन खिलाड़ियों को कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक तक पहुँचाने के लिए सरकार आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध करा रही है। इसी उत्साह को देखते हुए खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स के आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ को चुना गया है।

संस्कृति, विरासत और सामाजिक जागरण

श्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर की जनजातीय संस्कृति भारत की सबसे समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है। पारंपरिक गीत, नृत्य, वाद्य और उत्सवों को संरक्षित करने के लिए आधुनिक रिकॉर्डिंग स्टूडियो और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जो परंपराएँ कभी नक्सल हिंसा के कारण लुप्त होने की कगार पर थीं, वे अब फिर से जीवंत हो रही हैं।

भय से भविष्य की ओर बढ़ता बस्तर

उन्होंने कहा कि बस्तर अब गोलियों की आवाज़ से नहीं बल्कि स्कूल की घंटियों, सड़कों और रेल पटरियों से पहचाना जा रहा है। जहाँ कभी ‘लाल सलाम’ के नारे गूंजते थे, आज वहाँ ‘भारत माता की जय’ सुनाई देती है। सरकार का उद्देश्य मुठभेड़ों में लोगों को मारना नहीं बल्कि युवाओं को मुख्यधारा में लाकर एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य देना है।

समाज की भूमिका और अपील

गृह मंत्री ने समाज के प्रमुखों और समाजसेवकों से अपील की कि वे अब भी हथियार उठाए हुए लोगों को समझाकर मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर विकसित और शांतिपूर्ण बस्तर के निर्माण के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं।